गुडग़ांव, नाबालिका का अपहरण व पॉक्सो एक्ट में दर्ज
मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राज गुप्ता
की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी को
दोषी करार देते हुए 10 साल की कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई
है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार मूल के एक व्यक्ति ने जिले के बजघेड़ा
पुलिस थाना में वर्ष 2017 की 20 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका
दामाद निहाल कालोनी में परिवार सहित रहता है। उसकी नाबालिका पुत्री दामाद
के यहां आई हुई थी। दामाद के पड़ोस में रहने वाला बिहार मूल का दीपक गत
30 जून को उसकी नाबालिका पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। पुलिस ने
भादंस की धारा 363, 366ए व 506 के तहत मामला दर्ज कर नाबालिका की तलाश
शुरु कर दी थी और पुलिस ने भागदौड़ कर नाबालिका को गुडग़ांव रेलवे स्टेशन
से बरामद भी कर लिया था। नाबालिका का मेडिकल आदि कराया गया और पुलिस ने
इस मामले में पॉक्सो एक्ट की धारा भी जोड़ दी थी। आरोपी को भी गिरफ्तार
कर जेल भेज दिया था, तभी से वह जिला जेल में बंद था। मामला अदालत में
चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर
लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10
साल की कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान
न करने पर दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अपहरण व पॉक्सो एक्ट मामले में आरोपी को 10 साल की कैद