त्कालीन निगम आयुक्त यशपाल यादव के ट्रांस्फर पर जीसीसी ने किया विदाई समारोह का आयोजन

 गुडग़ांव सिटीजंस कांउसिल की ओर से नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यशपाल यादव के गुरुग्राम से पलवल ट्रांस्फर होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन डीएलएफ फेज-4 स्थित सिटी क्लब में किया गया। इस दौरान निगम पार्षद, आरडब्ल्यूए व डीएलएफ प्रबंधन के विभिन्न पदाधिकारी मौजूद रहे। 
कार्यक्रम के दौरान काउंसिल के चैयरमेन आरएस राठी ने यशपाल यादव को सम्मान रूप शॉल भेंट की। आरडब्ल्यूद पदाधिकारी बृजमोहन मेहता, धु्रव बंसल, शिव शंकर राय, सनसिटी से प्रमोद शर्मा, कर्नल एसके सैनी, आइवी सिंह, जीसीसी महासचिव टीएन कॉल ने उन्हेेें राधे-कृष्ण की पेंटिग भेंट की। डीएलएफ फेज दो से ऊषा बक्शी, जीसीसी के वरिष्ठ उप-प्रधान एचएस चावला, सीनियर सिटीजन डॉ राधे श्याम अग्रवाल, सरस्वती विहार से एसके सैनी, निगम पार्षद पति अनिल यादव, लीलू राम, डीएलएफ प्रबंधन के वाईस प्रेजीडेंट शेखर बासू, सुनील अरोड़ा ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया। 
जीसीसी के चैयरमेन आरएस राठी ने हॉल में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यशपाल यादव एक नेक, ईमानदार और दूरगामी सोच के अफसर है। उन्होंने बतौर निगम आयुक्त शहर के विकास को गति देने का काम किया। उन्होंने निगम में अपने सवा साल के कार्यकाल में लाइसेंस कालोनियों को निगम में शामिल करवाने, स्वच्छता के विशेष अभियान, सिटी को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा दिलवाने, निगम में प्रोपर्टी टैक्स प्रणाली को आसान बनाने, निगम कार्यालय को पेपरमुक्त करने, इंजीनियरिंग विंग को शक्तियां प्रदान करने, जल बचाओं, शहर को हरा-भरा बनाने, पॉलीथीन पर रोक लगाने जैसे मुख्य कार्यो में अपनी अहम भूमिका निभाई। विशेष तौर पर उन्होंने सिविल सोसायटी का निगम से जोडऩे को जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने का बड़ा काम किया है। उन्होंने यशपाल यादव के बतौर पलवल डीसी लगने पर बधाई दी और भविष्य में अच्छे कार्य करने के लिए शुभकामनाएं भी दी। 
यश्पाल यादव ने अपने विदाई समारोह में दिल को छू लेने वाला भाषण देते हुए सभागार में उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। उन्होंने कहा कि वह फौज में जाना चाहते लेकिन हरियाणा में एचसीएस अफसर बनकर अभी कुछ ही दिनों पहले आइएएस के पद पर पदोन्न हुए। उन्होंने हमेशा प्रयास किया वह शहर के भले के लिए अच्छे से अच्छा कार्य करें और हमेशा अपना 100 प्रतिशत दें। यादव कहते है कि उन्होंने कभी डर के साये में कोई निर्णय नहीं लिया क्योंकि एक फौजी हमेशा जिंदगी-मौत के बीच खड़ा रहता है, जिसके सामने हमारा कार्य कुछ भी नहीं। गुरुग्राम में बतौर 2 साल हुडा प्रशासक रहें और लगभग  सवाल निगम आयुक्त। यह कार्यकाल बहुत अच्छा रहा। भविष्य में फिर मौका तो जरूर गुरुग्राम की सेवा करूंगा।  हर आइएएस का सपना होता है कि उपायुक्त (डीसी)जरूर बनें और अब सौभाग्य से उन्हें यह मौका पलवल जिले में डीसी पोस्टिंग के रूप में मिला है।